ये ना समझना कि खुशियो के ही तलबगार है हम Rajeev Jain October 6, 2015 2 Lines Shayari, Romantic Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font Comments ये ना समझना कि खुशियो के ही तलबगार है हम, तुम अगर अश्क भी बेचो तो उसके भी खरीदार है हम ! Hindi Suvichar Shayari – मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका ग़ुरूर तुम्हे छेड़ने का मन करता हैं Yaadein Shayari – तेरी यादें कांच के टुकड़े Hindi Anmol Vachan – सीख जाओ वक्त पर Taunting Shayari 2 Line Mein – आखिर देता मुझे ये कैसी सजा