2 Lines Inspirational Shayari – दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमों को साहब Rajeev Jain January 30, 2016 Uncategorized Comments दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमों को साहब .. ज़िन्दगी बहुत भगाती है बचपन गुजर जाने के बाद