2 Lines Sad Shayari – रहने दे गुंजाइशें जरा अपनी बेरुखी में Rajeev Jain January 27, 2016 Uncategorized Comments रहने दे गुंजाइशें जरा अपनी बेरुखी में, इतना ना तोड़ मुझे की मैं किसी और से जुड़ जाऊँ !!