2 Lines Shayari – हमने काँटों को भी बड़ी नरमी से छुआ है Rajeev Jain December 2, 2015 Uncategorized Comments हमने काँटों को भी बड़ी नरमी से छुआ है यारों, लोग कितने बेदर्द है फूलों को भी मसल देते है !