आंसू को कभी ओस का कतरा ना समझना..
ऐसा तुम्हे चाहत का समंदर ना मिलेगा.
फ़िर याद बहुत आयेगी, वो ज़ुल्फ़ों की घनी शाम..
जब धूप मे साया कोई सर पे ना मिलेगा.
आंसू को कभी ओस का कतरा ना समझना..
ऐसा तुम्हे चाहत का समंदर ना मिलेगा.
फ़िर याद बहुत आयेगी, वो ज़ुल्फ़ों की घनी शाम..
जब धूप मे साया कोई सर पे ना मिलेगा.
Jita hu tera name leke ;
Marne me bad yah inajam hoga
Kafan uth me dekh Lena ||
Hat jakham par tera name hoga ||
Divakar Raj