ये बारिश भी तुम सी है
जो थम गई तो थम गई
जो बरस गई तो बरस गई
कभी आ गई यूँ बेहिसाब
कभी थम गई बन आफताब
कभी गरज गरज कर बरस गई
कभी बिन बताये यूँ ही गुज़र गई
कभी चुप सी है
कभी गुम सी है
ये बारिश भी सच…
तुम सी है…
ये बारिश भी तुम सी है
जो थम गई तो थम गई
जो बरस गई तो बरस गई
कभी आ गई यूँ बेहिसाब
कभी थम गई बन आफताब
कभी गरज गरज कर बरस गई
कभी बिन बताये यूँ ही गुज़र गई
कभी चुप सी है
कभी गुम सी है
ये बारिश भी सच…
तुम सी है…