Mohabbat Shayari – इंकार जैसी लज़्जत Rajeev Jain December 2, 2015 Uncategorized Comments इंकार जैसी लज़्जत… इक़रार में कहां… ना.. ना.. में छुपी हो जब मोहब्बत… फिर हाँ.. हाँ.. मे वो बात कहाँ….