Mohabbat Sher O Shayari – नही बसती किसी और की सुरत अब Rajeev Jain December 4, 2015 Uncategorized Comments नही बसती किसी और की सुरत अब इन आँखो मे…… काश की हमने उसे इतने गौर से ना देखा होता…….