जूते मेरे वालिद के क्या मेरे पैरों में आने लगे
हम तो कमाने के लिए बस ठोकरें खाने लगे
Hindi Shayari – Poetry In Hindi
Best Hindi Sher O Shayari And Ghazal Collection
जूते मेरे वालिद के क्या मेरे पैरों में आने लगे
हम तो कमाने के लिए बस ठोकरें खाने लगे