तक़दीर का शिकवा बेमानी, जीना ही तुझे मन्ज़ूर नहीं
आप अपना मुक़द्दर बन न सके इतना तो कोई मजबूर नहीं
Hindi Shayari – Poetry In Hindi
Best Hindi Sher O Shayari And Ghazal Collection
तक़दीर का शिकवा बेमानी, जीना ही तुझे मन्ज़ूर नहीं
आप अपना मुक़द्दर बन न सके इतना तो कोई मजबूर नहीं