2 Lines Sad Shayari – कसूर उन कश्तियों का नहीं जो मझधार में उलझ गयी

कसूर उन कश्तियों का नहीं जो मझधार में उलझ गयी …
ये तो कुछ झोके चले थे फिजाओं के .. साहिलों से ग़ालिब …




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