जरुरते तोड देती है इन्सान के घमंड को

जरुरते तोड देती है इन्सान के घमंड को,
न होती मजबुरी तो हर बंदा खुदा होता.




क्यों घबराता है पगले दुःख होने से

क्यों घबराता है पगले दुःख होने से,
जीवन तो प्रारम्भ ही हुआ है रोने से।




दाग तेरे दामन के धुले ना धुले

दाग तेरे दामन के धुले ना धुले !!
नेकिया तेरी तराजू में तुले न तुले !!
आज ही गुनाहों से कर ले तोबा !!
ख़ुदा जाने कल तेरी आँख खुले ना खुले !!

अगर चाहते हो की खुदा मिले

अगर चाहते हो की खुदा मिले..
तो वो करो जिससे दुआ मिले…




ना ऊँच नीच में रहू ना जात पात में रहूँ

ना ऊँच नीच में रहू ना जात पात में रहूँ !!!!
तु मेरे दिल में रहे प्रभु और में औक़ात में रहूँ !!




रात भर की उदासियों के बाद

रात भर की उदासियों के बाद,
ये भी एक हुनर ही मानो,
कि हम,
हर सुबह एक बार फिर से जिंदगी सँवार लेते हैं …!