ऐ मुसीबत मेरे पास सोच समजकर आना,,
मेरी माँ की दुवा कही तेरे लिए मुसीबत ना बन जाए…
Hindi Shayari – Poetry In Hindi
Best Hindi Sher O Shayari And Ghazal Collection
ऐ मुसीबत मेरे पास सोच समजकर आना,,
मेरी माँ की दुवा कही तेरे लिए मुसीबत ना बन जाए…
कुछ इस तरह मेरे गुनाहों को, वो धो देती हैं,,,,,
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती हैं ।
~ मुन्नवर राणा.
देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में,
ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते.
सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये,
माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये !
डांट कर अपने बच्चों को अकेले में रोती है
वो मां है . . . . और मां ऐसी ही होती है…!!
माँ ज़िंदगी से कहो ना मुझे सताना बंद करे..,
उसे समझाओ ना हम तेरे कितने लाडले थे।।