Dharmik Shayari In Hindi – गम में हूँ या हूँ शाद मुझे खुद पता नहीं

गम में हूँ या हूँ शाद मुझे खुद पता नहीं,
खुद को भी हूँ मैं याद मुझे खुद पता नहीं,
मैं तुझ को चाहता हूँ मग़र मांगता नहीं,
मौला मेरी मुराद मुझे खुद पता नहीं
-Kumar Vishwas




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