Zakhm Shayari 2 Line Mein – “गलत कहेते है लोग की सफेद

“गलत कहेते है लोग की सफेद रंग मै वफा होती है…दोस्तो…!!!!
अगर ऐसा होता तो आज “नमक” जख्मो की दवा होता…..”




Zakhm Shayari 2 Line Mein – ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो

ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख,,
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया..!!




Zakhm Shayari 2 Line Mein – न ज़ख्म भरे न शराब सहारा

न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई.,
न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई..




Zakhm Shayari 2 Line Mein – ज़ख़्म दे कर ना पुछा करो

ज़ख़्म दे कर ना पुछा करो दर्द की शिद्दत…!
“दर्द तो दर्द” होता है थोड़ा क्या, ज्यादा क्या…




Zakhm Shayari 2 Line Mein – मरहम न सही एक जख्म ही

मरहम न सही एक जख्म ही दे दो ..
महूसस तो हो के कोई हमें भुला नही..




Zakhm Shayari 2 Line Mein – जितना छिड़का है….तूने ज़ख़्मों पे…. उतना खाया

जितना छिड़का है….तूने ज़ख़्मों पे….
उतना खाया नही….नमक तेरा….!