अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है !
Hindi Shayari – Poetry In Hindi
Best Hindi Sher O Shayari And Ghazal Collection
अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है !
वो शख्स जिसकी आँखों में इंकार के सिवा कुछ भी नही,
ना जाने क्यों उसकी आँखों पे जिंदगी लुटाने को जी चाहता है।।
शाम से आंख में नमीं सी है,
आज फिर आपकी कमी सी है !
आँखें थी जो कह गयी सब कुछ..!!
लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें…!!
ऐ बादल ! मेरी आँखे तुम रख लो
कसम सें बड़ी माहिर हैं बरसने मे
ऐ समन्दर…
मैं तुझसे वाकिफ नहीं हूँ मगर इतना बताता हूँ,
वो आँखें तुझसे ज़्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ.
कौन कहता है कि मुहब्बत की शुरूआत निगाहों से होती है!!!!
हमने उन्हें भी इश्क करते देखा है , जिनके आँख नहीं होते .
तुमने कहा था, आँख भर के देख लिया करो मुझे;
अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते…
तुम्हारी निगाहें बोलती बहुत हैं,
आँखों पर अपनी पलकें गिरा दो।
तेरी आँखों की कशिश भी खींचती है इस कदर,
ये दिल सिर्फ बहलता नहीं बहक जाने की जिद करता है।