Anmol Vachan – Hindi Suvichar – ‘ज़िन्दगी’ की आधी शिकायतें तो January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar ‘ज़िन्दगी’ की आधी शिकायतें तो ऐसे ही ‘दूर’ हो जाएं . . अगर लोग ‘एक – दूसरे’ के बारे में बोलने की जगह – ‘एक – दूसरे’ से बोलने लग जाएं!
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – ‘पहचान’ से मिला हुआ January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar ‘पहचान’ से मिला हुआ, -(काम….नाम….दाम)- बहुत कम समय के लिए टिकता है.. पर… “काम” से मिली पहचान, उम्र भर कायम रहती है..
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – ” योगी” होने के बजाय January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar ” योगी ” होने के बजाय ” उपयोगी ” होना ज्यादा अच्छा है, “प्रभाव ” अच्छा होने के बजाय “स्वभाव” अच्छा होना ज्यादा जरूरी है…। “
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – घड़ी की सुई अपने नियम से चलती है January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar “घड़ी की सुई अपने नियम से चलती है इसलिए सब उसका विश्वास करते हैं। आप भी अपने नियम से चलिये, लोग आपका भी विश्वास करेंगे।”
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – एकता मिट्टी ने की तो ईंट बनी January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar एकता मिट्टी ने की तो ईंट बनी ईंट ने की तो दीवार बनी दीवार ने की तो घर बना ये बेजान चीजे हे.. ये जब एक हो सकते हे तो हम तो इंसान हैं
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – कदर करलो उनकी जो तुमसे January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar कदर करलो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते है . दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – किसी भी रिश्ते को January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar किसी भी रिश्ते को, सिर्फ तभी पूर्ण रूप से, निभाया जा सकता है , जब उसमे प्रेम और विश्वास के साथ-साथ, परस्पर सम्मान भी हो
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – कौआ अपनी भाषा बोलता है January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar कौआ अपनी भाषा बोलता है तो स्वतन्त्र रहता है परन्तु तोता दुसरे की नक़ल करता है तो पिंजरे में बंद हो जाता है।
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – जिंदगी में वक्त से ज्यादा January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar जिंदगी में वक्त से ज्यादा अपना या पराया कोई नहीं होता, वक्त अपना होता है तो सब अपने होते है और वक्त पराया, तो अपने भी पराये हो जाते है.
Anmol Vachan – Hindi Suvichar – मंजिल ना मिले वंहा तक हिम्मत मत हारो January 26, 2016 Rajeev Jain Anmol Vachan – Hindi Suvichar मंजिल ना मिले वंहा तक हिम्मत मत हारो, क्यों की पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने आज तक रास्ते में किसीको नहीं पूछा के समन्दर कितना दूर है