दुखती रग पर ऊँगली रखकर पूछ रही हो कैसे हों

दुखती रग पर ऊँगली रखकर पूछ रही हो कैसे हों …
तुमसे ये उम्मीद नहीं थी दुनिया चाहे जैसी हों …




ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए

ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए,
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है…




वो मेरी हसरत थी मैं उसकी जरुरत था

वो मेरी हसरत थी मैं उसकी जरुरत था ..

फिर क्या था ,

जरुरत पूरी हो गई हसरत अधूरी रह गई…




मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना

मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना,
सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…!!




देखना एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं

देखना .. एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं,
तुम्हारे लिए न सही..
लेकिन…तुम्हारी वजह से ही सही..!!




हाल पूछा न खैरियत पूछी

हाल पूछा न खैरियत पूछी
आज भी उसने,
हैसियत पूछी.