दुखती रग पर ऊँगली रखकर पूछ रही हो कैसे हों …
तुमसे ये उम्मीद नहीं थी दुनिया चाहे जैसी हों …
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क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज,
हाल हमारा पूँछ कर …
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं. .
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए,
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है…
नजर अंदाज करने कि कुछ तो वजह बताई होती
नजर अंदाज करने कि कुछ तो वजह बताई होती,
अब में कहाँ कहाँ खुद में बुराई ढूँढू …!
वो मेरी हसरत थी मैं उसकी जरुरत था
वो मेरी हसरत थी मैं उसकी जरुरत था ..
फिर क्या था ,
जरुरत पूरी हो गई हसरत अधूरी रह गई…
नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो
नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो,,
हजारों जख्म है दिल पर, जहाँ चाहो छिड़क डालो…!!
मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना
मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना,
सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…!!
देखना एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं
देखना .. एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं,
तुम्हारे लिए न सही..
लेकिन…तुम्हारी वजह से ही सही..!!
हाल पूछा न खैरियत पूछी
हाल पूछा न खैरियत पूछी
आज भी उसने,
हैसियत पूछी.
वहां से पानी कि एक बूँद भी न निकली
वहां से पानी कि एक बूँद भी न निकली …
तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे हम…..