Zakhm Shayari 2 Line Mein – “गलत कहेते है लोग की सफेद July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari “गलत कहेते है लोग की सफेद रंग मै वफा होती है…दोस्तो…!!!! अगर ऐसा होता तो आज “नमक” जख्मो की दवा होता…..”
Zakhm Shayari 2 Line Mein – फिर कोई जख्म मिलेगा तैयार रह July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari फिर कोई जख्म मिलेगा तैयार रह ऐ दिल… कुछ लोग फिर पेश आ रहे हैँ बहुत प्यार से….
Zakhm Shayari 2 Line Mein – ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख,, तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया..!!
Zakhm Shayari 4 Line Mein – “दिल में है July 29, 2016 Rajeev Jain 4 Lines Shayari, Zakhm Shayari “दिल में है जो दर्द वो किसे बताएं, हँसते हुए ज़ख्म किसे दिखाएँ. कहती है ये दुनिया हमे खुशनसीब, मगर नसीब की दास्तान किसे सुनाएँ.”
Zakhm Shayari 2 Line Mein – न ज़ख्म भरे न शराब सहारा July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई., न वो वापस लौटीं, न मोहब्बत दोबारा हुई..
Zakhm Shayari 2 Line Mein – काश बनाने वाले ने दिल कांच July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते, तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते…!!
Zakhm Shayari 2 Line Mein – ज़ख़्म दे कर ना पुछा करो July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari ज़ख़्म दे कर ना पुछा करो दर्द की शिद्दत…! “दर्द तो दर्द” होता है थोड़ा क्या, ज्यादा क्या…
Zakhm Shayari 2 Line Mein – मरहम न सही एक जख्म ही July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari मरहम न सही एक जख्म ही दे दो .. महूसस तो हो के कोई हमें भुला नही..
Zakhm Shayari 2 Line Mein – जितना छिड़का है….तूने ज़ख़्मों पे…. उतना खाया July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari जितना छिड़का है….तूने ज़ख़्मों पे…. उतना खाया नही….नमक तेरा….!
Zakhm Shayari 2 Line Mein – मुस्कराहट यूँ मेरे दिल के जख्मों July 29, 2016 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Zakhm Shayari मुस्कराहट यूँ मेरे दिल के जख्मों को छुपा लेती है, माँ जैंसे अपने बच्चों के ऐबों को सबसे छुपा लेती है…