दुखती रग पर ऊँगली रखकर पूछ रही हो कैसे हों October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font दुखती रग पर ऊँगली रखकर पूछ रही हो कैसे हों … तुमसे ये उम्मीद नहीं थी दुनिया चाहे जैसी हों …
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर … हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा हैं. .
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए, कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है…
नजर अंदाज करने कि कुछ तो वजह बताई होती October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font नजर अंदाज करने कि कुछ तो वजह बताई होती, अब में कहाँ कहाँ खुद में बुराई ढूँढू …!
वो मेरी हसरत थी मैं उसकी जरुरत था October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font वो मेरी हसरत थी मैं उसकी जरुरत था .. फिर क्या था , जरुरत पूरी हो गई हसरत अधूरी रह गई…
नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो,, हजारों जख्म है दिल पर, जहाँ चाहो छिड़क डालो…!!
मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना, सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…!!
देखना एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font देखना .. एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं, तुम्हारे लिए न सही.. लेकिन…तुम्हारी वजह से ही सही..!!
हाल पूछा न खैरियत पूछी October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font हाल पूछा न खैरियत पूछी आज भी उसने, हैसियत पूछी.
वहां से पानी कि एक बूँद भी न निकली October 3, 2015 Rajeev Jain 2 Lines Shayari, Sad Shayari, Sher O Shayari In Hindi Font वहां से पानी कि एक बूँद भी न निकली … तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे हम…..